रात से नो मैन्‍स लैंड पर फंसे हैं 370 नेपाली नागरिक, नहीं रख पा रहे अपने देश की धरती पर कदम

रात से नो मैन्‍स लैंड पर फंसे हैं 370 नेपाली नागरिक, नहीं रख पा रहे अपने देश की धरती पर कदम


लॉकडाउन में भारतीय क्षेत्र के सोनौली में फंस गए 370 नेपाली नागरिक अभी भी अपने देश की धरती पर कदम नहीं रख पाए हैं। नेपाली पुलिस ने रात में घुसने की कोशिश कर रहे अपने नागरिकों पर लाठीचार्ज किया था। तबसे नेपाली नागरिक वहीं नो मैन्‍स लैंड पर धरना दे रहे हैं। आज नेपाल प्रशासन द्वारा उनके बारे में निर्णय लिए जाने की सम्‍भावना है। रात में नो मैन्‍स लैंड पर धरने पर बैठै नेपाली नागरिकों के लिए कुछ राहत सामग्री भारतीय प्रशासन द्वारा भिजवाए जाने की सूचना है। रात में महराजगंज के डीएम-एसपी और अन्‍य कई वरिष्‍ठ अधिकारियों ने सीमा का मुआइना कर हालात का जायजा लिया था। 
 


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भारत-नेपाल सीमा सोनौली के नो मैन्‍स लैंड पर सोमवार की देर रात जमकर हंगामा हुआ था। दिल्ली से आकर सोनौली में फंसे 370 नेपाली नागरिकों ने देर रात खाना खाने के बाद संगठित होकर नेपाल में घुसने की कोशिश की। नेपाली सशस्त्र बल के जवानों ने उन्हें रोका और इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो लाठीचार्ज कर दिया गया। इससे नाराज नेपाली नागरिक नो मेंस लैंड पर ही धरने पर बैठ गए और नेपाली प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।











लॉकडाउन के बाद दिल्ली से रोडवेज की बसों से 370 नेपाली नागरिक सोनौली आए थे। सोमवार को वे सोनौली रोडवेज परिसर में रहे। प्रशासनिक टीम इनकी निगरानी में रही। शाम को उन्हें भोजन कराया गया। रात साढ़े नौ बजे के बाद अचानक सभी संगठित होकर नेपाल की ओर बढ़ चले। सोनौली के इंडिया के गेट को पार कर नो मैन्‍स लैंड से आगे बढ़े तो नेपाल के सशस्त्र बल के जवानों ने उन्हें रोका। उनसे कहा गया कि अफसर ऊपर बात कर रहे हैं।


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अनुमति मिलने के बाद उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन लोगों के अनुसार जब रोकने से वे नहीं रुके तो सशस्त्र बल के जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे नाराज नेपाली नागरिक, नेपाल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते नो मैन्‍स लैंड पर धरने पर बैठ गए। उनका कहना रहा कि अब वे भारत में नहीं लौटेंगे। वहीं, नेपाल के बेलहिया इंस्पेक्टर ईश्वरी अधिकारी ने कहा कि लोग रोकने के बाद भी जबरन प्रवेश कर रहे थे। उन्हें बल प्रयोग कर रोका गया।


सोनौली में 370 नेपाली नागरिक दिल्ली से आकर रुके थे। नेपाली प्रशासन से उनके संबंध में संपर्क किया गया था। उनके रहने-खाने का इंतजाम किया गया था। लेकिन सोमवार की रात खाना खाने के बाद वे सभी संगठित होकर नेपाल जाने की कोशिश करने लगे। इस समय वे नो मैन्‍स लैंड पर हैं। पूरी स्थिति पर नजर है।
राजू कुमार साव, सीओ-नौतनवां














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